पुकार अच्छी है, लेकिन लोग ही सबकुछ करने लगे तो तन्त्र की जरूरत रहेगी ही नहीं. इसीलिये तन्त्र होता है और तन्त्र में जब गलत लोग आ जाते हैं तब क्या होता है, दुनिया जानती है.
देश के 64वें गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ! -- आपकी पोस्ट के लिंक की चर्चा कल रविवार (27-01-2013) के चर्चा मंच-1137 (सोन चिरैया अब कहाँ है…?) पर भी होगी! सूचनार्थ... सादर!
सच कहा है तन्त्र ही तंत्र यहाँ है केवल गण को निगल गया है जो गण धूल में वैठा नीचे कुर्सी से चुपका है वो कुर्सी ने भारतवासी को घूस दिया है जेलों में आतंकी आजाद घूमते गण घूमें है जैलों में भारत का अब आम आतंकी है वना दिया भारत के राष्ट्र द्रोहियो को नागरिक बना दिया
7 comments:
प्रभावी प्रस्तुति ||
गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें-
यही है असली गण. बाकी तो गन तन्त्र है.
पुकार अच्छी है, लेकिन लोग ही सबकुछ करने लगे तो तन्त्र की जरूरत रहेगी ही नहीं. इसीलिये तन्त्र होता है और तन्त्र में जब गलत लोग आ जाते हैं तब क्या होता है, दुनिया जानती है.
सही परिभाषा है।
देश के 64वें गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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आपकी पोस्ट के लिंक की चर्चा कल रविवार (27-01-2013) के चर्चा मंच-1137 (सोन चिरैया अब कहाँ है…?) पर भी होगी!
सूचनार्थ... सादर!
सच कहा है
तन्त्र ही तंत्र यहाँ है केवल गण को निगल गया है जो
गण धूल में वैठा नीचे कुर्सी से चुपका है वो
कुर्सी ने भारतवासी को घूस दिया है जेलों में
आतंकी आजाद घूमते गण घूमें है जैलों में
भारत का अब आम आतंकी है वना दिया
भारत के राष्ट्र द्रोहियो को नागरिक बना दिया
एक तो बला के बे-शक्ल हुवे..,
फिर कहें हमें आइना दिखाए क्यूँ.....
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